भारतीय रेल में डिफेन्स कोटा क्या है और इसका लाभ कैसे उठायें?
“हम फौजी इस देश का धड़कन हैं, हर दिल का हम प्यार माँ की तर्पण हैं” चाहे सर्दिओं की ठिठुरती रात हो या चिलचिलाती गर्म हवाओं भरी दोपहर, हमारे फौजी हमारे देश के सरहदों पे हमेशा डटे रहते हैं ताकि किसी भी बाहरी आक्रमण या घुसपैठ से हमारा देश सुरक्षित रहे. उनकी इस तत्परता और कर्तव्यपरायणता का हम सभी कीर्ति-गुणगान करते हैं. भारतीय रेलवे भी उन्हें अपने तरीके से आभार प्रकट करते हुए उनके लिए कुछ विशेष सुविधाएँ मुह्हैया करती है. जैसे की सुनिश्चित रेलवे यात्रा टिकट प्राप्ति, टिकट दर में रियायतें इत्यादी. आज, रेलमित्रा आपके हर संभव प्रश्न के उत्तर देगा जीससे जनसाधारण तथा अन्य लोगों को डिफेन्स कोटे के अंतर्गत मिलने वाली रेलवे सेवाओं का ज्ञान हो पायेगा.
- भारतीय रेलवे में डिफेंस कोटा का क्या अर्थ है? भारतीय रेलवे में डिफेन्स कोटा के अंतर्गत सभी सैन्य कर्मियों ( आर्मी, नेवी, एयर-फ़ोर्स तथा अर्धसैन्य बल) को रेलवे यात्रा के लिए सुनिश्चित यात्रा टिकट प्रदान किया जाता है. इस सुविधा का लाभ सिर्फ सैन्य कर्मी हीं उठा सकतें है. डिफेन्स कोटा के अंतर्गत सैन्य कर्मियों व् अधिकारीयों को संरक्षित टिकट MCO (Movement Control Office) कार्यालयों द्वारा प्रदान किया जाता है. सैन्य अधिकारिओं या कर्मियों को अपना ओरिजिनल पहचान पत्र MCO कार्यालय में दिखा तथा डिफेन्स कोटा द्वारा टिकट प्राप्ति के लिए फॉर्म भर के के अपने संरक्षित टिकट का आरक्षण प्राप्त करना होता है. इस कोटा का इस्तेमाल अधिकतर उस वक़्त में किया जाता है जब टिकट वेटिंग लिस्ट में हो अथवा अचानक से किसी सैन्य कर्मी को कहीं जाना हो. इसके अलावा छुट्टीयों में घर जाने और छुटटियाँ समाप्त होने के बाद ड्यूटी पर वापसी के लिए रेलवे टिकट का आरक्षण भी किया जा सकता है.
- एम्.सी.ओ कार्यालय (M.C.O OFFICE) क्या है? एम्.सी.ओ कार्यालय लगभग सभी मुख्य रेलवे स्टेशन पर संचालित होते हैं, जो की सिर्फ सैन्य कर्मियों को डिफेन्स कोटा के रेलवे से जुड़े सभी प्रकार के जानकारियां और मदद प्रदान करने के लिए विशेषकर बनाये गए होते हैं. इसे आप एक प्रकार से “हेल्प डेस्क” भी कह सकते हैं. डिफेन्स कोटे के अंतर्गत संरक्षित टिकटों का आरक्षण सम्बन्धी कार्य भी इसी कार्यालय से संपन्न होता है
- डिफेन्स कोटे के अंतर्गत रेलवे टिकट बुक करने के लिए आवश्यक दस्तावेज (डाक्यूमेंट्स) क्या है? साधारणतया, डिफेन्स कोटे के अंतर्गत संरक्षित होने वाली टिकटों के लिए सैन्य कर्मियों को एक आवश्यक फॉर्म भरना होता है साथ ही साथ अपने ओरिजिनल पहचान पत्र को एम.सि.यो कार्यालय में दिखाना होता है. फार्म जमा करके एवं पहचान पत्र दिखा के टिकट संरक्षित किया जाता है. अगर यात्रा सामूहिक हो तो इस परिस्थिथि में फार्म के सतह एक अट्टेस्टेड आवेदन जो की समूह मुख्य के हस्ताक्षर के साथ एम.सि.यो कार्यालय में जमा करना होता है.
- क्या ऑनलाइन मोड से डिफेन्स कोटे के अंतर्गत टिकट संरक्षित किया जा सकता है? जी नहीं ! जैसा की डिफेन्स कोटे के अंतर्गत सैन्य कर्मी को अपना ओरिजिनल पहचान पत्र MCO Office में प्रदर्शित करना होता है, जो की ऑनलाइन संभव नहीं है. इसीलिए डिफेन्स कोटे के द्वारा टिकट आरक्षित करने के लिए व्यक्ति का शारीरिक उपस्थिति मूल पहचान पत्र के साथ आवश्यक है.
- डिफेन्स कोटे में कितनी सीटें उपलब्ध होती है? अमूमन हर ट्रेन के लगभग सभी वर्गों में डिफेन्स कोटे के तहत में २-२ सीटें संरक्षित होती है. जैसे की AC- 1 ( 2), AC-2 (2), AC-3 (2),SL-(2) में टिकटें सुरक्षित होती हैं. ट्रेन में डिफेन्स कोटे के अंतर्गत संरक्षित होने वाली सीटें उस रेलवे पथ के द्वारा हो के जाने वाली रेलों का डिफेन्स के द्वारा उपयोगिता पर भी निर्भर करता है. उन परिस्थियों में जब डिफेन्स कोटे के अंतर्गत आने वाली संरक्षित सीटें डिफेन्स के लोगों द्वारा इस्तेमाल नहीं होतीं तो २४ घंटे पहले रेलवे टिकट संरक्षण डिपार्टमेंट को खाली सीटों के बारे में सूचित कर दिया जाता है और ये सीटें जनसाधारण को उपलब्ध करा दी जाती हैं.
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- क्या शहीदों के परिवार के सदस्यों को रेलवे यात्रा में सुविधाएँ प्रदान की गयीं है? बिल्कुल ! उन सभी वीर शहीदों की पत्निओं को रेलवे के द्वारा टिकट दर में रियायतें प्रदान की गयीं है जिनके पति किसी भी असामजिक मुठभेड़ , युद्ध , कारगिल युद्ध तथा देश सुरक्षा के दौरान शहीद हुए हों. इस सुविधा के तहत लगभग 75% टिकट दर की रियायत उन सभी सैन्य शहीदों की पत्निओं को प्रदान की जाती है और केवल २५ % टिकट दर का भुगतान करना पडता है. इस सुविधा तो प्राप्त करने के लिए टिकट बुकिंग के समय शहीदों की पत्निओं को एक पहचान पत्र दिखाना होता है जो की केंदीय सैनिक बोर्ड के द्वारा शहीद – पत्निओं को प्रदान किया गया होता है.
- शौर्य / वीरता सम्मान से सम्मानित सैनिक / सैन्य अधिकारी के लिए रेलवे द्वारा दी जाने वाली सुविधाएँ क्या हैं? युद्धों एवम् देश सुरक्षा के संकटमय परिस्थितों में अद्भुद शौर्य और साहस प्रदर्शित करने वाले अदम्य साहसिक सैनिकों को कई प्रकार के सम्मानों से नवाज़ जाता है. इन साहसिक शूरवीरों को सम्मानित करने के लिए रेलवे ने भी सराहनीय कदम उठाये हैं. वीरता सम्मान से नवाजे जाने वाले सैनिक और उनकी पत्नियाँ ( एक और साथी के साथ) मुफ्त में प्रथम/दूसरी वतानुकुलित श्रेणी में कहीं भी रेलवे यात्रा कर सकते हैं. इस सुविधा का लाभ उठाने के लिए सैनिकों या उनकी पत्नियों को केंदीय सैनिक बोर्ड द्वारा प्रदत पहचान पत्र अथवा “सम्मान-चक्र” की सर्टिफिकेट को टिकट बुकिंग के समय प्रदर्शित करना होता है.
ये सभी सुविधाएं हमारे डिफेन्स के सभी विंग्स में कार्यरत सैनिकों को प्राप्त है. वो सभी सैनिक जो सेवा के दौरान वीरगति को प्राप्त हो जाते हैं, उनकी पत्निओं को रेलवे द्वारा इन सुविधाओं को मुहय्या कराया जाता है. शहीद पत्निओं को इन सुविधाओं का इस्तेमाल करने के लिए एक विशेष प्रकार के पहचान पत्र को प्रदर्शित करना होता है जिन्हें केंदीय सैनिक बोर्ड द्वारा जारी किया जाता है. यह पहचान पत्र शहीद – विधवाओं को एक विशेष पहचान प्रदान करता है, जिससे की उन्हें कई सारी सुविधाओं और सहायता मिलती है.
केंदीय सैनिक बोर्ड (Central Sainik Board) यह संगठन भारत सरकार के रक्षा मंत्रालय के अंतर्गत आने वाली की एक सर्वोच्य इकाई है जो की एक्स-डिफेन्स कर्मिओं और डिफेन्स शहीदों के परिवारों और पत्निओं के पुनर्वास और कल्याण से जुड़ी हुई सारे नियम-निर्देश बनाती है. यह संगठन केंदीय रक्षा मंत्री के अध्यक्षता में कार्यरत होती है. राज्य स्तर पर उपाध्यक्ष के तौर पर राज्य रक्षा मत्री इसके कार्यों को देखते हैं. यह संस्था, ना ही सिर्फ सैनिक – कल्याण योजनाओं को बनाती है, वरन उनके क्रियान्वयन की जिम्मेदारी और सहभागिता भी केन्द्रीय सैनिक बोर्ड की ही होती है. केन्द्रीय सैनिक बोर्ड सारे गाइडलाईन्स के सुचारू कार्यान्वयन को सुनश्चित करने के लिए राज्य सैनिक बोर्ड के साथ राज्य स्तर और एवम जिला सैनिक बोर्ड के साथ जिला स्तर पर कार्य करती है.
इन सभी जानकारियों के द्वारा आप डिफेन्स कोटा के अंतर्गत आने रेलवे सुविधाओं से रु-ब-रु हो सकते हैं. चूँकि डिफेंस ओफसिअल्स को कई प्रकार की अन्य सुविधाएँ भी भारत सरकार के अन्य इकाईयो द्वारा प्राप्त है, परन्तु रेलवे द्वारा दी गयीं सुविधाएँ हमारे देश के रक्षकों के लिए सच में सराहनीय हैं.