जानिए भारतीय रेलवे ने कितना कमाया यात्रियों का किराया बढ़ा कर
भारतीय रेलवे ने यात्री किराया बढाकर रेल यात्रियों को झटका दिया है. रेलवे ने अपने टिकट किराये में 1 पैसे से लेकर 4 पैसे प्रति किलोमीटर तक की बढ़ोतरी की है. इस बढ़ोतरी से रेलवे को अतिरिक्त आमदनी होगी. किराये में की गई बढ़ोतरी एक जनवरी से ही लागू हो गई है. भारतीय रेलवे ने टिकट की बिक्री में अप्रैल से शुरू हो रहे वित्त वर्ष 2020-21 के लिए ट्रेन टिकट से होने वाली कमाई के लक्ष्य को बढ़ा दिया है. अगले वित्त वर्ष के लिए यात्री टिकट से होने वाली कमाई को 5000 करोड़ रुपये से बढ़ाकर 61,000 करोड़ रूपये करने का लक्ष्य रखा है. वहीं, मालभाड़े से होने वाली कमाई को 4000 करोड़ रुपये बढ़ाकर 1.47 लाख करोड़ रुपये की कमाई करने का लक्ष्य रखा गया है. ये जानकारी संसद में रेल मंत्रालय द्वारा जारी की गई पिंक बुक से दी गयी है। आपको बता दें कि पिंक बुक रेलवे की आमदनी और खर्च के ब्योरे का लेखाजोखा होता है जिसमे रेलवे के विभिन्न जोनों में हर प्रोजेक्ट पर होने वाले खर्च एवं रेलवे के नए प्रोजेक्ट्स की जानकारी का ब्यौरा रखा जाता है। रेलवे की सभी जोन के प्रोजेक्ट में होने वाले खर्चों और नए प्रोजेक्ट्स की शुरुआत करने या फिर बंद करने का ब्यौरा भी पिंक बुक में उपलब्ध रहता है.
यात्री ट्रेनों के किराये में कितनी वृद्धि की गयी है
रेल यात्री सेवाओं के लिए उपयोग की जाने वाले मेल और एक्सप्रेस ट्रेनों में 2 पैसे प्रति किलोमीटर और एसी ट्रेन के टिकटों में 4 पैसे प्रति किमी की दर से बढ़ोतरी की गई है. आसान शब्दों में किराये में हुई बढ़ोतरी को इस तरह समझा जा सकता है की पटना से नई दिल्ली की दूरी करीब 1000 किलोमीटर है. पटना से नई दिल्ली नॉन एसी ट्रेन से यात्रा करने पर बढ़े हुए किराए के अनुसार आपको 10 रुपये ज्यादा देने होंगे. नए साल पर रेल यात्रियों के किराया बढ़ाए जाने पर रेल यात्रियों में नाराजगी का भाव देखा जा रहा है। वही इस मामले में रेलवे ने सफाई भी दी है, रेलवे के एक सीनियर अधिकारी ने बयान जारी करके कहा है कि ट्रेनों और स्टेशनों पर यात्री को दी जा रही रेलवे सेवाओं को और समृद्ध बनाने के लिए के लिए यह जरूरी था कि रेल किराये में बढ़ोतरी की जाए. लेकिन निम्न वर्ग पर ज्यादा बोझ न डालते हुए किराये में मामूली दरों से बढ़ोतरी की गयी इससे भारतीय रेलवे द्वारा जारी आधुनिकीकरण कार्यो में तेजी आएगी. आदेश के अनुसार, आरक्षण शुल्क और सुपरफास्ट शुल्क में कोई बदलाव नहीं होगा और किराए में बढ़ोतरी पहले से बुक किए गए टिकटों पर लागू नहीं होगी।
विभिन्न श्रेणियों में की गयी रेल किराये में बढ़ोतरी इस प्रकार है
- साधारण गैर-एसी क्लास : किराया 01 पैसे / किमी
- मेल / ऍक्स्प नॉन-एसी क्लास: किराया 02 पैसे / किमी
- एसी क्लास – किराया में 04 पैसे / किमी की वृद्धि
- उपनगरीय किराया और सीजन टिकट में कोई वृद्धि नहीं
भारतीय रेलवे द्वारा अंतिम किराया संशोधन 2014-15 में किया गया था।
किराया बढ़ने से कितनी बढ़ेगी रेलवे की आमदनी
सरकारी आंकड़ों के अनुसार, रेलवे को 2017-18 में परिचालन लागत पर यात्री किराए के मूल्य निर्धारण के आधार से 31,128 करोड़ रुपये के नुकसान हुआ । ये नुकसान 2016-17 में 25,561 करोड़ रुपये और 2015-16 में 22,262 करोड़ रुपये थे। नियंत्रक एवं महालेखा परीक्षक की नवीनतम रिपोर्ट के अनुसार, 2017-18 के दौरान भारतीय रेलवे ने 10 वर्षों में अपना सबसे खराब परिचालन अनुपात 98.44 प्रतिशत दर्ज किया। इन अप्रभावी संख्याओं के मुकाबले, किराए में नवीनतम वृद्धि से भारतीय रेलवे के लिए लगभग 2,300 करोड़ रुपये के अतिरिक्त वार्षिक राजस्व प्राप्त होने की उम्मीद है। यह कदम भारतीय रेलवे को कुछ राहत प्रदान करेगा , लेकिन काफी मदद नहीं करेगा।
अब ये देखना दिलचश्प होगा की आने वाले समय में किराये बढ़ोतरी से रेलवे ने कमाई का जो लक्ष्य रखा है उसे हासिल कर पाती है या नहीं , वही इन मामूली बढ़ोतरी का असर मालगाड़ियों से ढुलाई जाने वाली वस्तुओं पर भी पड़ सकता है। कुछ विशेषज्ञो का मानना है की रेलवे के इस कदम से भारतीय रेलवे के विकास के आयाम को नए पंख लगेंगे वही कुछ लोग इसके पड़ने वाले दुष्प्रभावों पर भी चिंता जता रहे हैं।