पीएनआर नंबर क्या है और इसे कैसे चेक करें?
जब कभी भी हम भारतीय रेलवे में यात्रा के लिए टिकट बुक करते हैं। हमें अपने टिकट पर 10 अंकों का एक नंबर देखने को मिलता है। सामान्यत: टिकट काउन्टर से बुक किए गए टिकट में यह बाएं ओर होता है और आईआरसीटीसी नेक्स्ट जेनरेशन टिकटिंग सिस्टम या ऑनलाइन बुकड टिकट में टॉप सेंटर में।
इस 10 अंकों के नंबर को पीएनआर नंबर कहते है। ये पीएनआर नंबर यूनीक होता है, जो यह सत्यापित करता है कि हमारी ट्रेन यात्रा वैध है।
पीएनआर नंबर का अर्थ
पीएनआर नंबर पैसेंजर नेम रिकार्ड का संक्षिप्त रूप है , जिसमें यात्री की जन्म तिथि, नाम, उम्र, जैसे पर्सनल डिटेल्स, यात्रा से संबंधित जानकारी जैसे यात्रा की तिथि, दिन, ट्रेन का सोर्स स्टेशन, टर्मिनेटिंग स्टेशन, डेस्टिनेशन स्टेशन, बोर्डिंग स्टेशन के नाम आदि और ट्रैन्सैक्शन डिटेल्स होते है।
इसकी मदद से रेल यात्री को पता चलता है कि उनकी सीट नंबर, कोच नंबर और बर्थ टाइप कौन सी है। इसके अलावा पीएनआर नंबर की सहायता से हम टिकट के कन्फर्मेशन की जांच कर सकते है, इसे पीएनआर स्थिति जांच कहते हैं ।
पीएनआर नंबर की स्थिति जांच
मॉडर्न टेक्नॉलजी और आर्टफिशल इन्टेलिजेन्स की इस दुनिया में पीएनआर चेक करना एक आसान प्रक्रिया बन चुकी है । आप बिना किसी परेशानी के इसकी जांच रेल ऐप या वेबसाईट से कर सकते हैं।
पीएनआर स्थिति चेक करने के लिए आप निम्नलिखित चरणों का पालन करें।
- अपने फोन में रेलमित्रा ऐप को प्लेस्टोर या ऐप स्टोर से डाउनलोड करें। अथवा रेलमित्रा के वेबसाईट पर जाएँ।
- इसके बाद मेनू बार में लिखा “चेक पीएनआर स्टैटस” (Check PNR Status) पर क्लिक करें।
- स्क्रीन पर दिख रहे बक्से में 10 अंकों का पीएनआर नंबर डालें।
- और फिर पीएनआर स्थिति जांच (Check PNR Status) वाले बटन पर क्लिक करें।
आपको आपके टिकट की पीएनआर स्थिति की जानकारी मिल जाएगी। इसके अलावा अगर आपका टिकट कन्फर्म नहीं होगा तो रेलमित्रा की पीएनआर स्थिति जांच वाली फीचर यह भी बताएगी की आपके टिकट के कन्फर्म होने की संभावना कितनी प्रतिशत है।
पीएनआर स्थिति जांच के दौरान समझने वाली विशेष बातें
ट्रेन टिकट की पीएनआर स्थिति चेक करते वक्त आपको कुछ कोड देखने को मिल सकते हैं। आइए जानते हैं, इन कोडस् के मतलब।
- CNF: पीएनआर चेक करते वक्त सीएनएफ अगर लिखा हो तो इसका तात्पर्य कन्फर्म टिकट से है।
- RAC: आरएसी का मतलब कैंसिलेशन के खिलाफ आरक्षण से है। अगर आपके टिकट स्थिति जांच में यह कोड दिख रहा है तो आप ट्रेन में यात्रा कर सकते है। भारतीय रेलवे आपको सीट आवंटित करेगी। हालांकि आरएसी टिकट में भारतीय रेलवे यात्रा के लिए एक ही सीट पर दो यात्रियों के बैठने की व्यवस्था करती है। प्रत्येक डिब्बे का साइड लोअर बर्थ आरएसी टिकट के लिए आरक्षित होता है, जहां दो यात्री अपनी यात्रा के लिए सीट साझा कर सकते हैं। हालांकि लंबी दूरी की यात्रा में, कुछ स्टेशनों के बाद सीटों की उपलब्धता के आधार पर दोनों आरएसी यात्रियों को अलग अलग बर्थ आवंटित की जा सकती है।
- WL: डब्ल्यूएल पीएनआर की वह स्थिति है जब यात्री को सीट नहीं दी जाती है यानि टिकट वेटिंग लिस्ट में होती है। डब्ल्यूएल की स्थिति घटती रहती है। उदाहरण के लिए WL8/WL3, जिसका अर्थ है कि बुकिंग के समय, टिकट स्थिति WL8 थी, और भुगतान के समय, प्रतीक्षा सूची की स्थिति WL3 हो गई है।आपका डब्ल्यूएल टिकट कन्फर्म तब ही होगा, जब दूसरे यात्री अपना टिकट कैंसिल करेंगे।
- GNWL: पीएनआर स्थिति में जीएनडब्ल्यूएल यानि जेनरल वेटिंग लिस्ट और सामान्य प्रतीक्षा सूची कोड तब होता है जब टिकट के कन्फर्म होने की संभावना अधिक होती है।
- PQWL: पोल्ड कोटा वेटिंग लिस्ट तब जारी किया जाता है जब ट्रेन के मूल स्टेशन से किसी इंटरमीडिएट स्टेशन या किसी इंटरमीडिएट स्टेशन से टर्मिनेटिंग स्टेशन के लिए टिकट बुक किया जाता है।
- RLWL: रिमोट लोकेशन वेटिंग लिस्ट तब दिखाई देता है जब टिकट प्रतीक्षा सूची में होता है और दो महत्वपूर्ण इंटरमीडिएट स्टेशनों के लिए बुक किया जाता है।
- TQWL: यह तत्काल कोटा वेटिंग लिस्ट टिकट बुकिंग की स्थिति है। यह टिकट आरएसी में जाए बिना ही कन्फर्म हो जाता है। हालांकि, चार्ट तैयार करने के दौरान GNWL वाले टिकट को TQWL की तुलना में अधिक प्राथमिकता दी जाती है।
- NOSB: 11 साल से कम उम्र के बच्चों के लिए बुक किए गए टिकट में नो सीट बर्थ कोड होता है। जिसका मतलब है कि यात्रा की अनुमति है, लेकिन कोई विशेष सीट प्रदान नहीं की जाएगी।
पीएनआर नंबर का निर्माण की प्रक्रिया
पीएनआर नंबर की उपयोगिता और जांच की प्रक्रिया जानने के बाद आपके मन में शायद ये सवाल उठ रहा होगा कि आखिर रेलवे सभी के लिए अलग-अलग पीएनआर नंबर का निर्माण कैसे करती होगी ।
दर असल, भारतीय रेलवे ट्रेन में टिकट बुक करने वाले सभी यात्रियों की जानकारी एक डेटाबेस में रखती हैं। इस डेटाबेस को सेंटर ऑफ रेलवे इनफॉर्मेशन सिस्टम यानी कि CRIS कहते हैं । इसी सिस्टम की मदद से इंडियन रेलवे आईआरसीटीसी अथवा टिकट काउन्टर से रेल में सफर के लिए बुक किए गए टिकट को यूनीक पीएनआर नंबर प्रदान करती है।
पीएनआर नंबर का निर्माण दो हिस्सों में होता है।
- पीएनआर नंबर के पहले तीन अंक टिकट बुकिंग के सोर्स स्टेशन, ज़ोन और डिविजन की जानकारी देती है। जैसे पीएनआर नंबर की शुरुआत 1 से तब होती है जब टिकट साउथ सेंट्रल रेलवे ज़ोन के सिकंदराबाद से बुक की जाती है।
- पीएनआर नंबर के आखिरी के सात अंक CRIS यूनीक बनाने के उदेश्य से प्रदान करता है।
पीएनआर की फूल फॉर्म क्या है?
पैसेंजर नेम रिकार्ड पीएनआर नंबर का फूल फॉर्म है जिसका मतलब होता है यात्री के नाम रिकार्ड।
पीएनआर नंबर वैध्य कब तक रहती है ?
सामान्यतः यात्रा के समाप्त हो जाने के बाद पीएनआर नंबर अर्थहीन हो जाता है। कोई भी यात्री उसी पीएनआर नंबर वाली टिकट से दुबारा यात्रा नहीं कर सकता। हलांकि पीएनआर नंबर यात्रा के 5 दिन बाद तक ऑनलाइन शो करती है। इसके बाद इंडियन रेलवे पीएनआर नंबर फ्लश कर देती है। फ्लश करने के 9 महीने बाद, इंडियन रेलवे पुनः उस पीएनआर नंबर को जारी कर सकती है।
पीएनआर की स्थिति जांच हमें कब करनी चाहिए ?
पीएनआर चेक आप अपनी यात्रा प्लैनिंग के दौरान भारतीय रेलवे में टिकट बुक करने के बाद कर सकते हैं। खास तौर पर तब जब आपकी टिकट वैटिंग लिस्ट या आरएसी में हो। ऐसा करने से आप हर वक्त अपने टिकट के कन्फर्म होने के चांस से अवगत रहेंगे और अपनी यात्रा की योजना बेहतरीन ढंग से बना सकेंगे। रेलमित्रा जैसे रेल फ़्रेंडली ऐप की मदद से आप आसानी से पीएनआर स्थिति की समीक्षा कर सकते है।
इसके अलावा रेलमित्रा ऐप की मदद से आप दो स्टेशन के बीच विभिन्न ट्रेनों की उपलब्धता, ट्रेन में सीट उपलब्धता आदि की जांच कर सकते हैं। रेलमित्रा से आप ट्रेन में खाना भी अपनी सीट पर बड़ी ही सुगमता से मँगवा सकते हैं।