Rajyarani Express: India First Train with Women Crew Members
महिलाये आज किसी भी क्षेत्र में पीछे नहीं है। देश के तमाम मंचो पर भारत की महिलाओ ने अपना झंडा बुलंद किया है। अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस हर साल 8 मार्च को विश्वभर में मनाया जाता है। इस दिन सम्पूर्ण विश्व की महिलाएँ देश, जात-पात, भाषा, राजनीतिक, सांस्कृतिक भेदभाव से ऊपर उठकर एकजुट होके इस दिन को मनाती है। भारत में भी महिला दिवस को व्यापक रूप से मनाया जाता है। देश के विभिन्न हिस्सों में इस दिन महिलाओं को समाज में उनके द्वारा दिए गए विशेष योगदान के लिए सम्मानित किया जाता है और समारोह आयोजित किए जाते हैं। अब से कुछ दिनों बाद महिला दिवस आने वाला है ऐसे में अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस से पहले भारतीय रेलवे ने महिला सशक्तिकरण का बेहतरीन उदहारण पेश किया है। रेलवे ने ट्रेन चलाती महिलाओ के दल का वीडियो रिलीज किया जिसे काफी पसंद किया जा रहा है इंटरनेट पर लोग इस वीडियो से प्रभावित है क्योंकि क्लिप ने लगभग 20,000 लाइक और लगभग 3,000 रीट्वीट प्राप्त किए हैं। साथ ही क्लिप देखकर लोगो ने कहा कि यह वास्तव में एक “उत्कृष्ट कदम” है।
ट्रेन की कमान पूरी महिला-चालक दल ने संभाली
महिला सशक्तीकरण को बढ़ावा देने के लिए भारत सरकार जरूरी कदम उठा रही है। इस मुहीम में भारतीय रेलवे भी पीछे नहीं है और बेंगलुरु से मैसूरु जाने वाली राज्य रानी एक्सप्रेस ट्रेन की कमान पूरी महिला-चालक दल ने ही संभाली और 1 मार्च को यह ट्रेन महिला चालक दल के नेतृत्व में ही रवाना हुई । यह पहला मौका है जब यात्री ट्रेन के चालक दल में बिना पुरुष के किसी ट्रेन परिचालन हुआ है।
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रेल मंत्री पीयूष गोयल ने वीडियो पोस्ट किया
रेल मंत्री पीयूष गोयल ने इस खबर को ट्विटर कर साझा किया और एक वीडियो भी पोस्ट किया। 48 सेकंड की वीडियो क्लिप, जो पहले से ही अब तक 90,000 से अधिक बार देखी जा चुकी है, वीडियो में सभी महिलाओं के चालक दल को राज्य रानी एक्सप्रेस ट्रेन को चलती हुई दिखाती है। पीयूष गोयल ने कहा, “महिलाओं को सशक्त बनाने की दिशा में आगामी अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस से पहले बेंगलुरु और मैसूरु के बीच राज्य रानी एक्सप्रेस ट्रेन को सभी महिला चालक दल द्वारा चलाया गया।
1980 के दशक में पहली बार महिला चालक भारत में बहाल हुई थी और पहली बार किसी ऐसे ट्रेन का परिचालन हुआ था जिसे सुरेखा यादव उन्हें चला रही थीं। पारंपरिक रूप से पुरुष-प्रधान देश के नाम से जाने जानी वाली भारत में अब तस्वीर बदल रही है। भारतीय रेलवे ने आखिरकार महिलाओं के लिए अपने दरवाजे खोल दिए हैं। अब, लगभग पांच लाख महिला उम्मीदवार भारतीय रेलवे में ट्रेन ड्राइवर, फिटर, वेल्डर और मशीनिस्ट बनने के लिए प्रतिस्पर्धा कर रही हैं। रेलवे के मोटरवूमन विशेषज्ञ हमारे देश के महिलाओं के लिए प्रेरणा का श्रोत बन रही है।